hindi sahitya
रविवार, 25 नवंबर 2012
यौवन ज्वाला
यौवन ज्वाला
लहर अंग-अंग मे,
नव यौवन की,
अठखेली करती लता-सी;
निज तन,निज मन भ्रमाय,
खिले-खिले फूल से,
वसन्त की
पूरा पढ़े ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें