hindi sahitya
मंगलवार, 27 नवंबर 2012
शाम होते ही
शाम होते ही
शोर यादों का
उसकी ...
घुस आता है
घर में मेरे
और सन्नाटा
तन्हाईओं का
और ज्यादा
गहरा जाता
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