hindi sahitya
सोमवार, 26 नवंबर 2012
ek sher
तेरी आसमां तक इमारत ये ऊँची
कभी मर के देखो जमीं भी है कितनी
teri aasmaa'n tak imaarat ye oo'nchi
kabhi mar ke dekho zami'n bhi hai kitni
تیری آسماں تک امارت یہ
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