hindi sahitya
गुरुवार, 27 दिसंबर 2012
माहिया 25-36
25
साध यही मन में-
तेरी पीर हरूँ
मैं हर पल जीवन में ।
26
जो मुझको दान दिया ।
तुमको पता नहीं
कितना अहसान किया
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