hindi sahitya
सोमवार, 24 दिसंबर 2012
मुझे मंज़िल की तलाश नहीं!!!
ये सच है,
मुझे मंज़िल की तलाश नहीं!
क्योंकि, मंज़िलों पर पहुंचकर,
बैठ जाते हैं, लोग...
आराम से,
इत्मिनान
Shwet
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें