शुक्रवार, 14 दिसंबर 2012

ये दिल बेचैन होता है, कलेजा काँप  जाता है!!

याद-ए-हुसैन!!
ये दिल बेचैन होता है, कलेजा काँप जाता है!!
वो मंज़र कर्बला का जिस घड़ी भी याद आता है !!

रहे हैं

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