hindi sahitya
शुक्रवार, 14 दिसंबर 2012
छोड कर दर तेरा हम किधर जाएंगे [नात-ए-मुबारक़]
नात-ए -रसूल !
छोंड कर दर तेरा हम किधर जाएँगे !
बिन तेरे तेरी चौखट पे मर जाएँगे !
जब हबीबे ख़ुदा रह्म
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