गुरुवार, 25 अक्तूबर 2012

दूर जितना वो मुझसे जाएंगें !! ग़ज़ल !!

गजल !

दूर जितना ही मुझसे जाएंगे !
मुझको उतना क़रीब पाएँगे !!

कुछ न होगा तो आंख नम होगी!
दोस्त बिछड़े जो याद

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