hindi sahitya
सोमवार, 18 जून 2012
दाम्पत्य-चार कविताएं
दाम्पत्य-चार कविताएं
1
अगर तुम चाहो बह सकती हो पानी में
तरलता की तरह
रह सकती हो हवा में आक्सीजन
जैसे रहती है नमक
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