hindi sahitya
रविवार, 28 अक्टूबर 2012
कल सूरज की किरणों का भी बिल आएगा भाई रे
महंगाई ने कहर ढा दिया, जान बचाओ भाई रे
कल सूरज की किरणों का भी, बिल आएगा भाई रे
बाबू जी हैं शहर गए और मां बैठी
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