hindi sahitya
मंगलवार, 23 अक्टूबर 2012
sher
vo khat purane se aaj........padh kar
achchar achchar fir se man roya hai
वो खत पुराने से आज...पढ़ कर
अक्षर अक्षर फिर से मन रोया है
- Sanjeev
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