hindi sahitya
बुधवार, 31 अक्टूबर 2012
रहमत
रहमत जब खुदा की हो तो बंजर भी चमन होता..
खुशिया रहती दामन में और जीवन में अमन होता
मर्जी बिन खुदा यारो
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