hindi sahitya
मंगलवार, 30 अक्टूबर 2012
इन अश्कों की हम पे कुछ तो रहमत है
इन अश्कों की हम पे कुछ तो रहमत है
मेरे तकिये पे भी शायरी जिंदा है
In Ashko'n Ki Hum Pe Kuch To Rehmat Hai
Mere Takiye Pe.........Bhi Shaairi Zinda Hai
ان اشکوں کی ہم پے
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