hindi sahitya
शनिवार, 27 अक्टूबर 2012
तेरे गुलशन की कलियां...........
तेरे गुलशन की कलियां बिखरने न देगें,
के मज़हब पे इनको यूं लड़ने न देगें ।
जो रहते यहां पे सभी हैं वो भाई,
देश अपना ये
पूरा पढ़े ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें