hindi sahitya
बुधवार, 7 नवंबर 2012
गाँधी और अहिंसा
कल शाम जब हम घूमने जा रह रहे थे
देखा सामने से गांधीजी आ रहे थे
नमस्कार लेकर बोले, आखिर बात क्या है?
पाहिले थी सुबह
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