hindi sahitya
मंगलवार, 25 दिसंबर 2012
22-यूँ मजहबों में बंट के ना संसार बांटिये- gazal
ग़ज़ल
यूँ मजहबों में बंट के ना संसार बांटिये !
कुछ बांटना है आपको तो प्यार बांटिये !!
आंगन मे खून कि न
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