मंगलवार, 21 अगस्त 2012

बरसत बरषा परम सुहावन / शिवदीन राम जोशी

बरसत बरषा परम सुहावन ।
रिमझिम रिमझिम बरस रहा है,ये आया सखि सावन ॥
बादर उमड़ी घुमड़ी सखि छाये, दादुर कोयल गीत

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