रविवार, 12 अगस्त 2012

बाल मुकुन्दं !!

करारविन्देन पदारविन्दं, मुखारविन्दे विनिवेशयानम !

बटस्य पत्रस्य पुटे शयानं, बालं मुकुन्दं मनसा स्मरामि

पूरा पढ़े ...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें