गुरुवार, 18 अक्तूबर 2012

हाईकु

तुमने ओढ़ी
आसुओं की चादर
समाज खुश

ज़ख़्मों को धोना
मलहम लगाना
चलते जाना

सबकी खुशी
आँसुओं पे न जाना
फर्ज़

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