शुक्रवार, 5 अक्तूबर 2012

प्रारंभ ही विजय का जब सूत्रधार है
चंद्र की कला अपरंपार है
अरूणिय लालिमा
वातावरण को सुंदर बनाती है
शशी की शीतलता

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