hindi sahitya
मंगलवार, 24 जुलाई 2012
हक की बातों को
हक की बातों को भूलाने लगे हैं
किस्से-कहानियों से डराने लगे हैं
अजब रिवाज़ है इस शहर का
दुआ-सलाम से घबराने लगे
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