hindi sahitya
गुरुवार, 26 जुलाई 2012
मैं दिखता हूँ जो आँखों में तो लब से क्यूँ नहीं कहते
मैं दिखता हूँ जो आँखों में तो लब से क्यूँ नहीं कहते
मुझे कहते हो तुम अपना तो सब से क्यूँ नहीं कहते
लब-ए-खामोश से ही
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