hindi sahitya
शनिवार, 15 सितंबर 2012
बेटियाँ
पता नहीं कब
बड़ी हो जाती हैं बेटियाँ
जैसे
बड़े होते हैं पेड़
बड़े होते हैं दिन
बड़ी होती हैं रातें
पता नहीं
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