hindi sahitya
रविवार, 16 सितंबर 2012
बुला लीजिए एक बार पूरी उम्मत को मदीना....
हो अस्सलात-ओ-वस्सलाम या ताजदार-ए-मदीना ,
मेरी किस्मत में भी थी जो देख आया मदीना ,
या सरकार-ए-दो आलम या
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