hindi sahitya
रविवार, 16 सितंबर 2012
क़त्ल तो कर देता वो अगर तैयार होते हम....
तेरे मकान की जो कच्ची दिवार होते हम ,
दवा तो मिल जाता अगर बीमार होते हम ,
हिम्मत न हुई चमकते खंज़र को देख कर ,
क़त्ल तो
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