hindi sahitya
शनिवार, 15 सितंबर 2012
हम कैसे जिये
हम इस दुनिय मे कैसे जिये,
रात जैसे अंधेरे मे हम कैसे चले !
हम आगे तो है साफ लेकिन,
पिछे की बुराईयों को कैसे मले!
लोग
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