hindi sahitya
मंगलवार, 18 सितंबर 2012
मन है मन का सकल बखेरा / शिवदीन राम जोशी
मन है, मन का सकल बखेरा |
मन लग जाये भक्ति करन में,सोचूं साँझ सवेरा ||
मन माने माने ना कहना, पागल मन के संग में रहना |
है
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