hindi sahitya
गुरुवार, 11 अक्टूबर 2012
बेबसी
सोते हुए भी जग रही हूँ मैं
ये किस भँवर में फंस रही हूँ मैं
अब तो नींद नही आती है रातों को
करवटें बदल-बदल कर थक रही हूँ
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