hindi sahitya
मंगलवार, 16 अक्टूबर 2012
चाँद की है क्या मजाल ?......!!!
जब उनकी नज़र जो इनायत हुई हम पर,
सब की निगाहों मे मेरा ही वजूद छा गया...!
महफ़िल में आज सब की नजर हम पर,
जब से
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