hindi sahitya
शनिवार, 6 अक्टूबर 2012
प्रारंभ ही विजय का जब सूत्रधार है
प्रारंभ ही विजय का जब सूत्रधार है
चंद्र की कला अपरंपार है
अरूणिय लालिमा
वातावरण को सुंदर बनाती है
शशी की शीतलता
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