hindi sahitya
मंगलवार, 9 अक्टूबर 2012
कभी खुद को आज़माके देखेंगे....
इशारों से तुझको बुलाके देखेंगे ,
कभी खुद को आज़माके देखेंगे ,
पहुँचती है ये चिंगारी कहाँ तक ,
कभी दिल अपना जलाके
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