hindi sahitya
बुधवार, 14 नवंबर 2012
तेरा था कुछ और न मेरा था
तेरा था कुछ और न मेरा था
दुनिया का बाज़ार लगा था
मेरे घर में आग लगी जब
तेरा घर भी साथ जला था
अपना हो या हो वो
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