hindi sahitya
गुरुवार, 11 अक्तूबर 2012
Kavi Deepak Sharma ki Nazm
कितने बच्चे सोते हैं रोज़ रखकर पेट में लातें अपनी
बना नहीं अभी कच्चा है कह देती है रोकर जननी ।
भोर हुए उठते हैं जब
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