शुक्रवार, 18 जनवरी 2013

दामिनी तुम जिंदा हो

दामिनी तुम जिंदा हो
हर औरत का हौंसला बनकर
न्याय की आवाज़ बनकर
वक्त की ज़रूरत बनकर
आस्था की पुकार बनकर
एकता की

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