मंगलवार, 29 जनवरी 2013

मेरा बिखरना....

यूँ तो तू भी ...
तेरी जुस्तज़ू भी

और

तेरा वज़ूद भी है
पर इन सबके बीच

मेरा होना ...

मेरा न होना ...

कहीं बिखर गया है

पूरा पढ़े ...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें