hindi sahitya
शनिवार, 14 जुलाई 2012
chand
कभी दूर से चाँद को देख कर
मैंने उसे पाने की खवाहिश की थी
दिन का चैन रातों की नींद उसके नाम की थी
वही चाँद आज जब पास
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