hindi sahitya
मंगलवार, 16 अक्टूबर 2012
रिश्ते !-?-!
सुलगते रहते हैं सारी उम्र
कड़वा सच, बेबसी का
गुस्सा निगलते,चुप है, है जो शर्म
अबिवाहीत की तरह !
यह चिंगारी है मनके
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