hindi sahitya
सोमवार, 5 नवंबर 2012
गीत
ये दोष मेरे भाग्य का या वक़्त की साजिश कहें
हम प्यार जिनसे कर रहे बे दूर हमसे रह रहे
देखा तो होती है सुबह , ना पा
पूरा पढ़े ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें