hindi sahitya
शनिवार, 3 नवंबर 2012
sher
کچھ لفظوں کو محفوظ رکھا
تم یاد آے تو غزل که دی
कुछ लफ़्ज़ों को.....महफ़ूज़ रखा
तुम याद आये तो ग़ज़ल कह दी
kuch lafzo'n ko mahfooz rakha
tum yaad aaye to ghazal keh di
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