hindi sahitya
सोमवार, 25 फ़रवरी 2013
इक सफ़र जो कभी, खतम ही नहीं होता
बदस्तूर मुकम्मल है काफ़िला
बामुश्किल मंज़िलों का गुमान होता है
इक आती साँस यहाँ की
इक जाती साँस वहाँ की
जो
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