hindi sahitya
शनिवार, 23 फ़रवरी 2013
ये कलजुग है
राम की माला सब जपत है,
इन्सान के ना पूछे कोए,
अमीर के घर सब जाये हैं,
चाहे गरीब खड़ा रोये।।
इन्सान न पहचानत इन्सान
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