रविवार, 29 जुलाई 2012

रिश्ते !-?-!

सुलगते रहते हैं सारी उम्र
कड़वा सच, बेबसी का
गुस्सा निगलते,चुप है, है जो शर्म
अबिवाहीत की तरह !

यह चिंगारी है मनके

पूरा पढ़े ...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें