शनिवार, 28 जुलाई 2012

तेरी यांदे

मयखाने में साकी जैसी
आँगन में तुलसी सी
गीता की वाणी-सी
बरगद की छाया-सी
सावन की बारिश जैसी
शीतल हवा

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