मंगलवार, 8 जनवरी 2013

करो भोर का अभिनन्दन

मत उदास हो मेरे मन
करो भोर का अभिनन्दन !
काँटों का वन पार किया
बस आगे है चन्दन-वन ।
बीती रात ,अँधेरा बीता
करते हैं

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