शुक्रवार, 4 जनवरी 2013

उस मोड़ पर

रात भर फैला रहा सन्नाटा,
फैला रहा अँधेरा
ज्वन अंकुरित हुआ
उठ कर देखा उस मोड़ पर तुम खड़े थे
जहाँ उठ रहा था सूर्य

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