मंगलवार, 15 जनवरी 2013

अपनी सोच बदल नहीं पाया

मैं अपनी सोच बदल नहीं पाया तेरे लिए ,
तुझको देखा है मैने बंद कमरे में शिसक-शिसक के रोते हुए।

 

मैंने ..

तुझे माँ

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