मंगलवार, 15 जनवरी 2013

ओ! समय .........

ओ! समय
ओ! समय के बदले चेहरे
क्रूरता में सना हुआ
लडा हर कौम को
ओ! दुर्भाग्य के जन्मदाता
भीड में तू चीरता चला
दरिंदगी

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