बुधवार, 9 जनवरी 2013

तुमसे कभी न मोहब्बत करेंगे !!

सूजी इन आँखों में आँसू, आज भी हैं !
वक़त से मिले जख्म, अब भी गहरे हैं !
होकर बेकसूर हम, कसूरवार बन गए,
देखने तक की

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