hindi sahitya
रविवार, 10 फ़रवरी 2013
2-छोंड कर दर तेरा हम किधर जाएँगे ! !! शायर सलीम रज़ा [ग़ज़ल]
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नात-ए -रसूल
छोंड कर दर तेरा हम किधर जाएँगे !
बिन तेरे तेरी चौखट पे मर जाएँगे!
जब हबीबे ख़ुदा रह्म
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