सोमवार, 11 फ़रवरी 2013

हरीयाली

जब आता है सावन और चलती है पुरवाई !

ऐसे मेघ बरसते जैसे हरीयाली आयी !!

शान्त पेङ पर बैठी कोयल करती है गान !

नाचता हुआ

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